यह ग्रहण 26 दिसम्बर 2019 की प्रातः 08/00 AM से दोपहर 01/36 PM तक भारत में सर्वत्र दिखाई देगा।
इस ग्रहण की कंकण - आकृति केरल तथा तमिलनाडु व कर्नाटक के दक्षिण भागों में ही दिखाई देगी। शेष सारे भारत में यह खण्ड-ग्रास रूप में ही दिखाई देगा ।
इस ग्रहण का सूतक आज 25 दिसम्बर 2019 बुधवार की रात्रि 08/00 PM से प्रारम्भ हो जायेगा ।
ग्रहण के समय क्या करें - क्या न करें .? जब ग्रहण का प्रारम्भ हो, तो स्नान-जप, मध्य-काल में 🔥 होम, देव पूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप (पास) होने पर दान तथा पूर्णं मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए ।
स्पर्शे स्नानं जपं कुर्यान्मध्ये होमं सुराचर्नम् ।
मुच्यमाने सदा दानं विमुक्तौ स्नानमाचरेत् ।।
सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य - स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहण काल में दूषित (अशुद्ध) हो जाते हैं, उन्हें नहीं खाना चाहिए। परन्तु तेल, घी, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर, आचार, चटनी, मुरब्बा आदि में तेल या कुशा-तृण रख देने से ये ग्रहण काल में दूषित (अशुद्ध) नहीं होते। सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की आवश्यकता नहीं ।
अन्नं पक्वमिह त्याज्यं स्नानं सवसनं ग्रहे ।
वारित क्रारनालादि तिलैदंभौर्न दुष्यते ।। (मन्वर्थ मुक्तावली)
👀 ध्यान रहे, ग्रस्त सूर्य बिम्ब को नंगी आखों से कदापि न देखें ।
वैल्डिंग वाले 😎 ग्लास में से इसे देख सकते हैं।
ग्रहण के समय तथा ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध (मना) है ।
न स्नायादुष्णतोयेन नास्पृशं स्पर्शयेत्तथा ।।
रोगी, वृद्ध, गर्भवती स्त्रियों, बालकों के लिए निषेध नहीं है।
ग्रहण काल में सोना, खाना-पीना, तैलमर्दन, मैथुन (सम्भोग/सैक्स) मूत्र-पुरीषोत्सर्ग निषिद्ध (मना) है। नाखून भी नहीं काटने चाहिए ।
पंo उत्तम शास्त्री ज्योतिर्विद्